भारत और कनाडा ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर रुकी बातचीत को दोबारा शुरू करने पर सहमति जताई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे हैं। उनके अनुसार एफटीए या व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) दोनों देशों के बीच विश्वास का प्रतीक है और इससे निवेशकों व कारोबारियों को मजबूत भरोसा मिलेगा।
गोयल ने कहा कि भारत और कनाडा एक-दूसरे के प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि स्वाभाविक सहयोगी हैं। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण खनिज, उनकी प्रसंस्करण तकनीक, परमाणु ऊर्जा और यूरेनियम आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बड़े अवसर मौजूद हैं। साथ ही सप्लाई चेन को विविध बनाने पर भी दोनों पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं।
मंत्री ने माना कि हाल के वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों में तनाव रहा है। 2023 में कनाडा ने एफटीए पर बातचीत रोक दी थी, जब उस समय के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत की कथित भूमिका का आरोप लगाया था। भारत ने इस आरोप को निराधार बताया था।
मार्च 2022 से अब तक ईपीटीए (प्रारंभिक प्रगति व्यापार समझौता) पर आधा दर्जन से अधिक दौर की वार्ता हो चुकी है। आमतौर पर ऐसे समझौतों में सीमा शुल्क में कटौती या समाप्ति और सेवाओं व निवेश के मानकों में उदारीकरण शामिल होता है।
वाणिज्यिक आंकड़ों के अनुसार 2024-25 में भारत का कनाडा को निर्यात 9.8 प्रतिशत बढ़कर 4.22 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 2.33 प्रतिशत घटकर 4.44 अरब डॉलर दर्ज किया गया। वर्ष 2023 में दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल द्विपक्षीय व्यापार 18.38 अरब डॉलर रहा। कनाडा में लगभग 29 लाख भारतीय मूल के लोग और 4.27 लाख से अधिक भारतीय छात्र रहते हैं।
जून में कनाडा के कनानसकीस में हुए जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में नई सकारात्मकता आई है।













