अमेरिका द्वारा टैरिफ बढ़ाने के बावजूद सितंबर 2025 में भारत का व्यापारिक निर्यात 6.75 प्रतिशत बढ़कर 36.38 अरब डॉलर पहुंच गया। यह पिछले साल सितंबर की तुलना में वृद्धि है। अगस्त में यह निर्यात 35.1 अरब डॉलर था, जिससे मासिक आधार पर भी बढ़त दर्ज की गई है।
वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि यह वृद्धि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और बाजारों में आए उतार-चढ़ाव के बावजूद हुई है। वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल के अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में कुल निर्यात पिछले साल की तुलना में 18 अरब डॉलर अधिक रहा। इस दौरान गैर-पेट्रोलियम निर्यात 189.49 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो अब तक की सबसे ऊंची पहली छमाही की निर्यात राशि है।
हालांकि, त्योहारी मांग के चलते आयात में भी तेजी आई है। सितंबर में भारत का कुल आयात 61.59 अरब डॉलर से बढ़कर 68.53 अरब डॉलर हो गया। इसमें सोना, चांदी, उर्वरक और इलेक्ट्रॉनिक सामान का बड़ा योगदान रहा।
सेवाओं के क्षेत्र में भी अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला। सितंबर में सेवाओं का निर्यात 30.82 अरब डॉलर और आयात 15.29 अरब डॉलर रहा। इससे वस्तु और सेवा व्यापार अधिशेष का अनुमान 15.53 अरब डॉलर लगाया गया है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को लेकर बातचीत प्रगति पर है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही वाशिंगटन जाएगा।
इसके अलावा भारत ने अमेरिका से तेल और गैस का आयात बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है ताकि व्यापार संतुलन बेहतर हो और ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाकर देश की आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।













